शादियों में लिफ़ाफ़े देने के बजाये क्यों न अस्पताल के मरीजो को देने की परंपरा शुरू की जाये? क्यूंकि शादियाँ पूर्व तयारी से की जाती है. और बीमारियाँ बताकर नहीं आती. मरीजो के रिश्तेदारों को पैसों की सख्त जरुरत होती है.
तो चलें आज से ही पुन्य का काम शुरू करते है.