सांकेतिक तस्वीर |
अलीगढ़ में हिंदू माहासभा ने ईको फ्रेंडली बकरीद मनाने की अपील की है. हिंदू महासभा ने कहा कि मुस्लिम भाई बकरीद पर चाॅकलेट या केक का बकरा बनवाएं और इसी की कुर्बानी दें.
बकरीद पर किसी बेजुबान की जान लेने से बेहतर है कि ईको फ्रेंडली बकरीद मनाई जाए. हिंदू महासभा की राष्ट्रीय सचिव पूजा शकुन पाण्डे ने कहा कि बकरा काटने से प्रदूषण होता है.
मुस्लिम भाइयों को बकरीद की बधाई देने के साथ उन्होंने अपील करते हुए कहा कि कुरान में इंसानियत सबसे पहले सिखाई गई है. इस त्यौहार पर अगर कुर्बानी देनी है तो गंदे विचारों की कुर्बानी दीजिए. इस शुभ दिन पर शराब व तम्बाकू उत्पादों की कुर्बानी दीजिए. इस कुर्बानी के मौके पर केक, मावा आदि का बकरा बनवा कर सेलीब्रेट कर सकते हैं, लेकिन किसी की जान लेना कोई भी धर्म नहीं कहता.
पूजा शकुन पाण्डे ने कहा कि देश परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है. इंसानियत से ऊपर उठ कर काम करने की जरुरत है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को मामले में संज्ञान लेना चाहिए और बेजुबान जानवारों के बारे में सोचना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब सलमान खान हिरन मारते हैं तो उनपर केस दर्ज होता है, लेकिन वहीं जब बकरे मारे जाते हैं तो ऐसा कुछ नहीं होता.
उन्होंने कहा जीव हत्या हराम है. मौलाना इसे रोकने के लिए आगे नहीं आते. उन्होंने कहा कि मौलाना को इंसानियत से ऊपर उठ कर सोचना होगा. किसी की जान बख्श देना पुण्य का काम है.
वहीं एक मुस्लिम भाई मुहम्मद भुट्टो खान ने बताया कि किसी भी हदीस में नहीं लिखा है कि किसी बेजुबान की हत्या की जाए. ये एक कुरीति है, जिसे कुछ लोगों ने अपने फायदे के लिए बना लिया है. किसी जीव की बलि देकर उत्सव मनाना कहां उचित है.
बकरीद पर किसी बेजुबान की जान लेने से बेहतर है कि ईको फ्रेंडली बकरीद मनाई जाए. हिंदू महासभा की राष्ट्रीय सचिव पूजा शकुन पाण्डे ने कहा कि बकरा काटने से प्रदूषण होता है.
मुस्लिम भाइयों को बकरीद की बधाई देने के साथ उन्होंने अपील करते हुए कहा कि कुरान में इंसानियत सबसे पहले सिखाई गई है. इस त्यौहार पर अगर कुर्बानी देनी है तो गंदे विचारों की कुर्बानी दीजिए. इस शुभ दिन पर शराब व तम्बाकू उत्पादों की कुर्बानी दीजिए. इस कुर्बानी के मौके पर केक, मावा आदि का बकरा बनवा कर सेलीब्रेट कर सकते हैं, लेकिन किसी की जान लेना कोई भी धर्म नहीं कहता.
पूजा शकुन पाण्डे ने कहा कि देश परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है. इंसानियत से ऊपर उठ कर काम करने की जरुरत है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को मामले में संज्ञान लेना चाहिए और बेजुबान जानवारों के बारे में सोचना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब सलमान खान हिरन मारते हैं तो उनपर केस दर्ज होता है, लेकिन वहीं जब बकरे मारे जाते हैं तो ऐसा कुछ नहीं होता.
उन्होंने कहा जीव हत्या हराम है. मौलाना इसे रोकने के लिए आगे नहीं आते. उन्होंने कहा कि मौलाना को इंसानियत से ऊपर उठ कर सोचना होगा. किसी की जान बख्श देना पुण्य का काम है.
वहीं एक मुस्लिम भाई मुहम्मद भुट्टो खान ने बताया कि किसी भी हदीस में नहीं लिखा है कि किसी बेजुबान की हत्या की जाए. ये एक कुरीति है, जिसे कुछ लोगों ने अपने फायदे के लिए बना लिया है. किसी जीव की बलि देकर उत्सव मनाना कहां उचित है.
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