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सीरिया पर इजराईल द्वारा कई सालो से चलते आरहे जुल्म कम होने का नाम नहीं ले रहे. लेकिन यहूदियों के खिलाफ अक्सर इस्लामिक देश खामोश नजर आरहे है. यह खामोशी बहुत खतरनाक है. अब मुस्लिम राष्ट्रों को खामोश नहीं रहना चाहिए अगर अब भी खामोश रहे और जुल्म के खिलाफ आवाज नहीं उठाई तो वह देश मुस्लिम राष्ट्र कहने के लायक नहीं. सीरिया के लिए सोशल मीडिया पर मुस्लिम राष्ट्रों के प्रति नाराजी व्यक्त की जा रही है.
पैगम्बर हज़रत मुहम्मद सल्ललाहु अलैहि वसल्लम सीरिया की तबाही के हवाले से फरमाते हैं-
" जब अहले शाम तबाही बर्बादी का शिकार हो जाएं, तो फिर तुम में कोई खैर बाकी न रहेगी। मेरी उम्मत में हमेशा एक ऐसी जमाअत रहेगी जिसे अल्लाह की तरफ हमेशा सहायत मिलती रहेगी। और उसे नीचा दिखाने वाले कियामत तक उस जमात को कोई नुकसान नही पहुंचा सकेंगे"
इस हदीस की मुराद सीरिया से लेकर फलस्तीन, फलस्तीन से लेकर लेबनान के मुसलमानो से है । फलस्तीनी पहले ही इस्राइलियों की दरिंदगी का शिकार होकर अपनी ज़मीन से हाथ धो बैठे। लेबनान के बाशिंदों की हालत इस वक़्त बहुत खस्ता है। सीरिया से लेकर फलस्तीन लेबनान तक के मुल्कों में मरने वालों की संख्या लाखों में हैं करोड़ो लोग घर छोड़ने पर मजबूर हुए। सीरिया की क़दीम तारीख में इतनी भयानक तबाही के कोई तथ्य नही मिलते। सीरिया के मुसलमानो से ही पूरी दुनिया के मुसलमानो का भविष्य जुड़ा है। इतना सब कुछ होने के बाद भी मुस्लिम हुक्मरान से लेकर उम्मते मुहम्मदिया सोई हुई है।
याद रखिए अहले शाम इसी तरह तबाह बरबाद होते रहे तो फिर उम्मते मुस्लिमा के लिए खैर की बात नही। हमारा भविष्य अहले शाम ही है।
अपने वीडियो संदेश में लीना ने कहा, "हर कोई जो मुझे सुन सकता हो. घेराबंदी में फंसे अलेप्पो में नरसंहार हो रहा है. ये मेरा अंतिम वीडियो हो सकता है. तानाशाह असद के ख़िलाफ़ विद्रोह करने वाले 50 हज़ार से अधिक लोगों पर नरसंहार का ख़तरा है. लोग बमबारी में मारे जा रहे हैं. हम जिस इलाक़े में फंसे है ये दो वर्गमील से भी छोटा है. यहां गिरता हर बम एक नरसंहार है. अलेप्पो को बचाओ, इंसानियत को बचाओ."
मंगलवार की सुबह ज़िंदा उठे मांथर ईताकी लिखते हैं, "मैं अभी जिंदा हूं, अपने ख़ास दोस्तों के साथ नरसंहार का सामना करने के लिए. दुनिया कुछ नहीं कहेगी. उम्मीद करता हूँ कि अपनी मौत तुम्हारे लिए लाइव ब्रॉडकास्ट कर सकूं."
~BBC Report
अलेप्पो पर बशर अल असद की सरकार का क़ब्ज़ा हो गया है. सीरिया में पांच सालों से लड़ाई जारी. अलेप्पो पर सरकारी फ़ौज के क़ब्ज़े के बाद लोग बुस्तान अल-क़स्र के इलाक़े में शुरू हो गई हिंसा से भाग रहे हैं. अलेप्पो पर क़ब्ज़ा पांच साल से जारी जंग में सीरियाई विद्रोहियों के लिए सबसे बड़ी हार है. सरकारी फ़ौज का एक समर्थक फ़रदौस में एक बच्चे से बातचीत करते हुए. पूर्वी अलेप्पो के इस इलाक़े में भारी बर्बादी हुई थी. सीरियन ऑबज़रवेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने कहा है कि विद्रोही सूबे के छह दूसरे इलाक़े से भाग खड़े हुए हैं. सीरियाई महिला अपने बच्चों के साथ. एक सीरियाई महिला फरदोस में अपने बच्चों के साथ. हज़ारों की तादाद में लोग अभी भी विद्रोहियों के कब्ज़े वाले इलाकों में फंसे हैं. भारी बमबारी के बीच लोग कुछ इलाक़ों से भाग निकलने में कामयाब हो पाए हैं. सीरियाई सरकारी फ़ौज के क़ब्ज़े में वापस कलासेह जैसे इलाक़ों को पहचानना मुश्किल है. संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि सरकारी सेना की बमबारी इतनी तेज़ थी कि बहुत सारे लोग अपने परिजनों के शवों को न तो निकाल पाने और ना ही उन्हें दफ़नाने में कामयाब हो सके.
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