बीबीसी हिंदी ने एक खबर प्रकाशित करी है जिसमें अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी में हिन्दू विद्यार्थियों को होने वाली तथाकथित परेशानियों के बारे में लिखा गया है |
इस रिपोर्ट में लगाए गए तमाम इलज़ाम बिलकुल बेहूदा और मनगढ़ंत हैं | कई सारे आरोपों का जवाब वहीं के लोग दे चुके हैं | बहरहाल इस रिपोर्ट में एक इलज़ाम की हम यहाँ चर्चा करेंगे | वह इलज़ाम है कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में टायलेट में टोंटी / नलकी वाले लोटे रखे रहते हैं जिसे देख कर हिन्दू छात्रा डर गयी |
असल में यह रिपोर्ट एक हिन्दू लडकी से मिली जानकारी के आधार पर लिखे जाने का दावा किया गया है | लेकिन उस लडकी ने बाद में बताया कि मैंने लोटे से परेशानी के बारे में कुछ नहीं कहा था | यानी पत्रकार ने अपनी नापसन्दगी को लडकी के हवाले से लिख दिया था |
अब नलकी वाले मुसलमानी लोटे पर आते हैं | यह मुलजिम लोटा हो सकता है कि मुसलमानों के साथ इस्लाम के साथ साथ अरब से आया हो |
लेकिन अगर इस लोटे का जुर्म महज़ यही है कि यह भारत के बाहर से आया है | तो भारत के बाहर से, और ख़ास तौर से मुसलमानों के मुल्कों से तो इतनी चीज़ें आयी हैं कि अगर हम सारी मुसलमानी चीज़ों को अपनी ज़िन्दगी से बाहर कर दें तो फिर तो हिन्दोस्तान नंगा ही हो जाएगा |
मसलन आपका पजामा ही मुसलमानी है, आपका अंगरखा तो बचा नहीं, कुरता ज़रूर मुसलमानी है, जेब भी वापिस कीजिये क्योंकि वह भी बाहर से आयी है ? ध्यान दीजिये संस्कृत में तो जेब के लिए कोई शब्द ही नहीं है |
हलवा भी मुसलमानी है उसके लिए भी संस्कृत में कोई शब्द नहीं है | हाँ खीर के लिए तस्मइ शब्द ज़रूर है | आलू , गन्ना, गाजर, चुकन्दर, सब भारत के बाहर से आया है | भगवान को जो प्रसाद चढा रहे हो उसकी चीनी जिस गन्ने से बनी है वह भी तो बाहर से आयी है भक्तगणों |
वैसे मुझे तो यह नलकी वाला लोटा बहुत पसंद है मैं इस लोटे की नलकी का अविष्कार करने वाले का शुक्रिया अदा करना चाहता हूँ | हमारे हिन्दू लोटे से टट्टी धोते समय आधा पानी खेत में गिर जाता है और आधा हाथ से धोने वाले स्थान तक पहुँच पाता है | लेकिन इस नलकी वाले लोटे के इस्तेमाल से आप जितनी ज़रूरत हो उतना ही पानी हाथ पर गिरा सकते हैं |
जब मैं छोटा था तो मेरी माँ के पास एक नलकी वाला ताम्बे का लोटा था | माँ उसे लेकर रोज़ नंगे पाँव मन्दिर जाती थी और शिव को जल चढ़ाती थी | मेरी माँ तो ब्राह्मण थी, लेकिन हो सकता है तब तक भारत में चूंकि राष्ट्रवादी सरकार नहीं बनी थी और कांग्रेसियों ने इस लोटे के मुसलमानी होने पर कोई एतराज़ ना किया हो | देशद्रोही कांग्रेसी कहीं के |
वैसे डरते डरते एक खबर यह भी दे दूं कि बाबा रामदेव जो जल नेति कराते हैं उसमें भी इसी टोंटी वाले मुसलमानी लोटे का इस्तेमाल करवा रहे हैं
इस रिपोर्ट में लगाए गए तमाम इलज़ाम बिलकुल बेहूदा और मनगढ़ंत हैं | कई सारे आरोपों का जवाब वहीं के लोग दे चुके हैं | बहरहाल इस रिपोर्ट में एक इलज़ाम की हम यहाँ चर्चा करेंगे | वह इलज़ाम है कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में टायलेट में टोंटी / नलकी वाले लोटे रखे रहते हैं जिसे देख कर हिन्दू छात्रा डर गयी |
असल में यह रिपोर्ट एक हिन्दू लडकी से मिली जानकारी के आधार पर लिखे जाने का दावा किया गया है | लेकिन उस लडकी ने बाद में बताया कि मैंने लोटे से परेशानी के बारे में कुछ नहीं कहा था | यानी पत्रकार ने अपनी नापसन्दगी को लडकी के हवाले से लिख दिया था |
अब नलकी वाले मुसलमानी लोटे पर आते हैं | यह मुलजिम लोटा हो सकता है कि मुसलमानों के साथ इस्लाम के साथ साथ अरब से आया हो |
लेकिन अगर इस लोटे का जुर्म महज़ यही है कि यह भारत के बाहर से आया है | तो भारत के बाहर से, और ख़ास तौर से मुसलमानों के मुल्कों से तो इतनी चीज़ें आयी हैं कि अगर हम सारी मुसलमानी चीज़ों को अपनी ज़िन्दगी से बाहर कर दें तो फिर तो हिन्दोस्तान नंगा ही हो जाएगा |
मसलन आपका पजामा ही मुसलमानी है, आपका अंगरखा तो बचा नहीं, कुरता ज़रूर मुसलमानी है, जेब भी वापिस कीजिये क्योंकि वह भी बाहर से आयी है ? ध्यान दीजिये संस्कृत में तो जेब के लिए कोई शब्द ही नहीं है |
हलवा भी मुसलमानी है उसके लिए भी संस्कृत में कोई शब्द नहीं है | हाँ खीर के लिए तस्मइ शब्द ज़रूर है | आलू , गन्ना, गाजर, चुकन्दर, सब भारत के बाहर से आया है | भगवान को जो प्रसाद चढा रहे हो उसकी चीनी जिस गन्ने से बनी है वह भी तो बाहर से आयी है भक्तगणों |
वैसे मुझे तो यह नलकी वाला लोटा बहुत पसंद है मैं इस लोटे की नलकी का अविष्कार करने वाले का शुक्रिया अदा करना चाहता हूँ | हमारे हिन्दू लोटे से टट्टी धोते समय आधा पानी खेत में गिर जाता है और आधा हाथ से धोने वाले स्थान तक पहुँच पाता है | लेकिन इस नलकी वाले लोटे के इस्तेमाल से आप जितनी ज़रूरत हो उतना ही पानी हाथ पर गिरा सकते हैं |
जब मैं छोटा था तो मेरी माँ के पास एक नलकी वाला ताम्बे का लोटा था | माँ उसे लेकर रोज़ नंगे पाँव मन्दिर जाती थी और शिव को जल चढ़ाती थी | मेरी माँ तो ब्राह्मण थी, लेकिन हो सकता है तब तक भारत में चूंकि राष्ट्रवादी सरकार नहीं बनी थी और कांग्रेसियों ने इस लोटे के मुसलमानी होने पर कोई एतराज़ ना किया हो | देशद्रोही कांग्रेसी कहीं के |
वैसे डरते डरते एक खबर यह भी दे दूं कि बाबा रामदेव जो जल नेति कराते हैं उसमें भी इसी टोंटी वाले मुसलमानी लोटे का इस्तेमाल करवा रहे हैं
-हिमांशु कुमार, दंतेवाडा