पणजी | पशु वध से जुडी केंद्र सरकार की अधिसूचना के खिलाफ अब गोवा की बीजेपी सरकार ने मोर्चा खोल दिया है. उनका कहना है की मोदी सरकार की अधिसूचना से राज्य के लोगो के मन में शंका पैदा हो गयी है. इसलिए इसको लेकर हमारी सरकार , मोदी सरकार के सामने अपनी आपत्ति दर्ज कराने जा रही है. दरअसल इससे पहले भी कई गैर बीजेपी शासित प्रदेश , मोदी सरकार की अधिसूचना के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करा चुके है.
गोवा सरकार में कृषि मंत्री विजय सरदेसाई ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा की मोदी सरकार की पशु वध से सम्बंधित हालिया अधिसूचना ने गोवा की जनता के मन में आशंकाए पैदा कर दी है. उनको लगता है की केंद्र सरकार हर किसी को शाकाहारी बनाने का प्रयास कर रही है. इसलिए मुख्यमंत्री मनोहर परिकर ने केंद्र सरकार के सामने अपनी आपत्ति दर्ज कराने का फैसला किया है.
विजय सरदेसाई के अनुसार इस मामले में गोवा सरकार , केंद्र सरकार को पत्र लिखने जा रही है. सरदेसाई ने बताया की उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री मनोहर परिकर से बात की थी. इसके बाद उन्होंने कहा की वो इस मामले में केंद्र सरकार को पत्र लिखेंगे. इसके अलावा हम उन्हें पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम में कुछ सुधारात्मक सुझाव भी देंगे.
विजय सरदेसाई ने यह भी बताया की केंद्र के एक मंत्री पहले ही मनोहर परिकर से बात कर उनको कह चुके है की जो भी इस अधिनियम को लेकर राज्य सरकार की आपत्तिया है उन्हें लिख ले. हम मानते है की गोवा में एक अहम् वर्ग ही बीफ खाता है. अगर उनके मन में अधिनियम को लेकर कोई भी डर है तो वो स्पष्ट होना चाहिए. बताते चले की गोवा से पहले मेघालय विधानसभा इस अधिनियम के खिलाफ एक प्रस्ताव पास कर चुकी है. उनका कहना है की इस अधिनियम से यहाँ की जनता के खान पान की संस्कृति प्रभावित होगी. (कोहराम से साभार)
गोवा सरकार में कृषि मंत्री विजय सरदेसाई ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा की मोदी सरकार की पशु वध से सम्बंधित हालिया अधिसूचना ने गोवा की जनता के मन में आशंकाए पैदा कर दी है. उनको लगता है की केंद्र सरकार हर किसी को शाकाहारी बनाने का प्रयास कर रही है. इसलिए मुख्यमंत्री मनोहर परिकर ने केंद्र सरकार के सामने अपनी आपत्ति दर्ज कराने का फैसला किया है.
विजय सरदेसाई के अनुसार इस मामले में गोवा सरकार , केंद्र सरकार को पत्र लिखने जा रही है. सरदेसाई ने बताया की उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री मनोहर परिकर से बात की थी. इसके बाद उन्होंने कहा की वो इस मामले में केंद्र सरकार को पत्र लिखेंगे. इसके अलावा हम उन्हें पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम में कुछ सुधारात्मक सुझाव भी देंगे.
विजय सरदेसाई ने यह भी बताया की केंद्र के एक मंत्री पहले ही मनोहर परिकर से बात कर उनको कह चुके है की जो भी इस अधिनियम को लेकर राज्य सरकार की आपत्तिया है उन्हें लिख ले. हम मानते है की गोवा में एक अहम् वर्ग ही बीफ खाता है. अगर उनके मन में अधिनियम को लेकर कोई भी डर है तो वो स्पष्ट होना चाहिए. बताते चले की गोवा से पहले मेघालय विधानसभा इस अधिनियम के खिलाफ एक प्रस्ताव पास कर चुकी है. उनका कहना है की इस अधिनियम से यहाँ की जनता के खान पान की संस्कृति प्रभावित होगी. (कोहराम से साभार)
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