आतंकवादी संगठन ईसिस इस्त्राइलियो द्वारा मुसलमानों के खात्मे के लिए ही बनाया गया है यह आज फिर से साबित हुआ.ईसिस ने आजतक जितने भी बड़े आतंकवादी हमले किये वह मुस्लिम राष्ट्रों पर ही किये. और कई बेगुनाह मुसलमानों को मौत के घाट उतारा लेकिन कभी बेगुनाह मासूमो की हत्याओं पर माफ़ी नहीं मांगी. काले झंडे पर इस्लामी कलमा देखकर लेगो को लगता है की यह इस्लामी संगठन है. लेकिन नहीं यह मुसलमानों के खिलाफ बहुत बड़ी साजिश है. इसी काले झंडे को देखकर कुछ मुसलमान भी इस यहूदी संगठन में शामिल हुए उनका भी खात्मा हो चुका है और हो रहा है. और सरफिरे जाहिल मुसलमानों के हाथो निर्दोष मुसलमानों को मारा जा रहा है. यह खतरनाक साजिश है मुसलमानों के खिलाफ. हजारो मासूम बच्चो और बुजुर्गो का क़त्ल करने कभी माफ़ी नहीं मांगी उलटी जिम्मेदारी ली और अब ....
इस्राईली सैनिकों पर चलने वाली गोली के लिए आईएसआईएस ने मांगी माफ़ी
इस्राईल के पूर्व युद्ध मंत्री मूशे यालून ने खूंखार आतंकी संगठन आईएसआईएस और इस्राईल रिश्तों के प्रमाण को मजबूत करते हुए बताया कि गोलान हाईट्स के इलाक़े में ग़लती से आईएसआईएस ने इस्राईली सैनिकों पर फ़ायरिंग कर दी थी, जिसके लिए उसने तुरंत माफ़ी मांग ली.
उन्होंने कहा कि सीरियाई सैनिक इस्राईली सैनिकों पर फ़ायरिंग करते हैं, लेकिन आईएसआईएस के कार्यकर्ता ऐसा कभी नहीं करते. इससे पहले आईएसआईएस ने भी कहा था कि वह इस्राईल के ख़िलाफ़ नहीं लड़ रहा है. हाल ही में इस्राईल की और से आईएसआईएस के आतंकियों के इलाज का भी सच सामने आया था.
loading...
सीरियाई सेना के हमलों में घायल हुए आईएसआईएस के आतंकियों का इलाज इस्राईल की देखरेख में फिलिस्तीन के कब्जे वाले इलाकें में किया जा रहा हैं. हाल ही में इस्राईली राष्ट्रपति ने उनसे मुलाक़ात भी की थी.
गौरतलब रहें कि सीरियाई सरकार 2011 में देश में संकट की शुरूआत से ही यह कहती रही है कि देश में जारी संकट के पीछे इस्राईल और अमरीका का हाथ है और तेल-अवीव एवं वाशिंग्टन आतंकवादी गुटों का समर्थन कर रहे हैं
loading...