हां_तुम_रंडी_हो
बुर्का पहनो, घूंघट में रहो
दुपट्टा नहीं लोगी तो तुम रंडी हो
मुंह से आवाज मत निकालो
जोर से हंसी तो तुम रंडी हो
खुद को ढंककर रखो
जींस, स्कर्ट पहनोगी तो तुम रंडी हो
हम चाहेंगे वही पढ़ोगी
अपनी मर्जी से पढ़ना है तो तुम रंडी हो
लड़के तो छेड़ेंगे ही उनका तो हक है छेड़ना
विरोध करोगी तो तुम रंडी हो
रेप हुआ तो आत्महत्या कर लो
आवाज उठाई तो तुम रंडी हो
सहेली बना सकती हो
लड़के को दोस्त बनाया तो तुम रंडी हो
भाई के साथ सहेली के घर जाओ
अकेली गई तो तुम रंडी हो
दिन में हमसे पूछकर बाहर निकलो
रात में निकली तो तुम रंडी हो
हम तय करेंगे किसके साथ सोओगी
मर्जी का साथी चुना तो तुम रंडी हो
चुपचाप मार खाती रहो और पति की सेवा करो
पुलिस में गई तो तुम रंडी हो
मास्टरनी बन जाओ, एटीएम हमें दो
नहीं तो तुम रंडी हो
दुपट्टे, बुर्के जलाओ और
गर्व_से_कहो_कि_तुम_रंडी_हो।
लेखिका - रितु सिंह हंसराज