सोशल मीडिया ने बहुजनो को बेबाक और खुलकर बोलने का बोलने का एक बहुत ही बहेतरीन प्लेटफार्म तैयार कर के दिया है. जो लोग अपने हक़ अधिकार की लड़ाई लड़ सकते है, अपने खिलाफ हो रहे जुल्म, बदनामी, अपमान के खिलाफ आवाज उठा सकते है ऐसे लेखको और सामाजिक कार्यकर्ताओं को अपनी बात आम लोगो तक आसानी से पहुंचाने का कोई विकल्प ही नहीं था. आज के इस दौर में सोशल मीडिया स्वतंत्र मीडिया बनकर उभरा और सोशल मीडिया ने एक नई क्रान्ति का आगाज किया. ऐसे ही एक विद्रोही लेखिका के विचार हम आपतक पहुंचा रहे है. इस लेख को नेशनल दस्तक ने भी प्रकाशित किया है.
कनॉट प्लेस यानि दिल्ली के दिल के इनर सर्किल में स्वच्छ भारत अभियान का प्रमोशन करते ये लड़के मुझे मिले। पोस्टर पर लिखी महान बातें आप लोग नीचे देख ही पा रहें होंगे। सब अपने-अपने हिसाब से व्याख्या कर सकते हैं इसकी.......
मुझे इनका ये कॉन्सेप्ट निहायती वाहियात औऱ बेहूदा लगा। कैटरीना कैफ़ जैसी गर्लफ्रेंड चाहिए तो भारत को स्वच्छ रखिये, जो लड़कियां कैटरीना की तरह नहीं दिखती वों डूब कर मर जाएं। उनकी मौत को स्वच्छ भारत अभियान में आहुति माना जाएगा। गुस्से वाली गर्लफ्रेंड की कसम देश गन्दा नहीं होने देंगे हमारे लड़के क्योंकि देश को कैटरीना जैसी चिकनी चमेली की जरूरत है, बाक़ी किसी चीज़ की नहीं।
गुस्सा लड़कियों को बहुत ज़्यादा आता है और इस गुस्से में वो लड़कों पर तेजाब डाल देती हैं, मारपीट-गाली गलौज़ करती हैं, लड़कों के रेप करती हैं, रेप करके उन्हें मार देती है और लाश को इस कदर वीभत्स बना देती हैं कि पहचान भी ना सको। ये गुस्से वालियां ही होती है जो दो लोगों के अंतरंग पलों को सरे बाज़ार करती हैं, दगा देती हैं औऱ फलाना उपाध्याय बेवफ़ा है यह नोटों पर लिख देती हैं। देश में होने वाली तमाम हत्याएं, दंगे-फ़साद, चोरी-डकैती यह सब भी इन्हीं लड़कियों के काम है।
तो देश के गबरू जवानों अगर अच्छी गर्लफ्रैंड चाहिए तो देश को साफ़ रखो भाई। साफ देश....यानि चिकनी चमेली की प्राप्ति। औऱ इस अच्छी गर्लफ़्रेंड चाहिए का मतलब तो तुम सभी को पता है। गोरी, सुंदर, सुशील, बात मानने वाली, तर्क और चेतना से रहित बढ़िया ग़ुलाम जिसे अपनी गहने औऱ कपड़ों से ज़्यादा सोचना नहीं आता हो। भारतीय संस्कृति में मेरा पति मेरा देवता है वाला फंडा चलता है तो बॉयफ्रेंड भी हॉफ देवता होने का दावा तो जताता ही है, सब कुछ कर लेने के बाद मन रज जाएगा तो मां-बाप के मरने का बहाना बनाकर भागने का ऑप्शन तो लड़कों के पास होता ही है। इज्ज़त उनकी जाती नहीं है पुरुषों को सेव करने के तुर्रे किस प्रिविलेज के साथ होते हैं.... सब होशियार हैं बताने की ज़रूरत नहीं है।
औऱ बहनों तुम लोग के लिए भी ऑप्शन है। जेंडर इक्वलिटी की बात हो रही देश में, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ आंदोलन चल रहा है तो तुम लोगों को भी शामिल किया जाएगा। तो उपलब्ध मेनू के हिसाब से बाहुबली टाइप का बॉयफ्रेंड चाहिए तो देश को साफ़ रखो। देश को तुम्हीं लोग गंदा रखती हो। मर्दों से सीखो वो बेचारे सुबह से उठ कर पहले बेड की चादर ठीक करतें हैं, पूरे घर में सफ़ाई करतें हैं, पूरे घर को व्यवस्थित करतें हैं, कचरा इकट्ठा करके कूड़ेदान में डालतें हैं......सुबह से शाम तक उनका ध्यान साफ़-सफाई पर ही होता है। अगर तुम देश को साफ करने में योगदान दोगी तो बाहुबली जैसा हेंडसम मिलेगा जो धोती पहने हुए कंधे पर शिव को उठाए एंट्री करेगा तुम्हारी लाइफ में। जो लड़के बाहुबली जैसे नहीं दिखते वो अपनी-अपनी चिंता कर सकतें हैं।
इस तरह अच्छे गर्लफ़्रेंड-बॉयफ्रेंड की प्राप्ति के लिए देश को स्वच्छ रखा जाना बहुत ज़रूरी है। औऱ जब गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड बन जाओगे तो एंटी रोमियो स्क्वाड वालों का प्यार औऱ आशीर्वाद भी मिल ही जाएगा। वैसे देश साफ़ करने की बात करने वालों रोज़ तुम्हारे घरों-कॉलोनी से कचरा ऊठाने वाले, झाड़ू लगाने वाले, नाली साफ़ करने वाले, सीवर क्लीन करने वाले, ड्रैनेज सिस्टम को दुरुस्त रखने वाले, तुम लोगों की पोट्टी साफ़ करने वाले, मरे हुए जानवर ऊठाने वाले ये सब तुम्हारे जेहन में भी नहीं आएंगे। तुम मुर्दे हो, ज़िंदा होते तो सोच पाते, समझ पाते।
(दिपाली तायडे लेखिका हैं विभिन्न सामाजिक मुद्दे पर वो लिखती रहती हैं यह इनके निजी विचार है)