सोशल डायरी ब्यूरो
जैसे ही मौलवी ने 10 लाख रुपये देने की घोषणा की, सोनू निगम ने 10 लाख की लालच में अपना सर मुंडवाया. इस विवादित खबर और सोनू निगम द्वारा मंदीर, गुरुद्वारा और मस्जिद के लाउडस्पीकर के खिलाफ दिए गए बयान में से सिर्फ अजान के मुद्दे को मीडिया ने गलाफाड़ आन्दोलन बनाया और तीन दिनों से खबरे रुकने का नाम नहीं ले रही मानू देश में भूचाल आ गया हो. लेकिन हजारो किसानो की आत्महत्या और तामिलनाडू के किसानो द्वारा कपडे उतारकर अपने बाल कटवाकर अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे किसानो की खबरों को जानबूझकर दबाया गया. इससे यह साफ़ जाहिर होता है की, मीडिया भी सांप्रदायिक लोगो का साथी है. और साम्प्रदायिकता फैलाने का काम कर रहा है. लोकतंत्र का चुथा स्तम्भ अपाहिज होता नजर आरहा है. यह बहुत अफसोसनाक और शर्मनाक बात है.