अपनी फेसबुक टाइमलाइन पर इमरोज खान लिखते है
यकीन मानिए, मै चाहता था कि "ट्रम्प" ही अगला प्रेसिडेंट बने अमेरिका का,
क्योंकि ये उसी नक्शे कदम पर चलने वाला है जिस पर जॉर्ज डब्ल्यू बुश महाशय चला करते थे, जिस पर ओबामा साहब चले! इनलोगों ने जितना मुसलमानों को बदनाम करने की कोशिश की ग़ैरमुस्लिमों मे मुसलमान और इस्लाम के बारे में जानने की उतनी ही ललक बढ़ी, और इसका फायदा ये हुआ कि मुसलमानों से लडते-लडते मुसलमानों के दोस्त कब बन गए पता ही नहीं चला! इसका जीता जागता उदाहरण है अमेरिका के वाइट हाउस से लेकर हर गलियों में विरोध प्रदर्शन के रुप मे अज़ान और नमाज़ की पहल उन्ही ग़ैरमुस्लिमों के प्रोत्साहन से संभव हो सका! लोगों ने इस्लाम और मुसलमानों को बहुत करीब से जानने की कोशिश की और उनका दर्द भी समझा!
इसलिए,
शुक्रिया "ट्रम्पवा"
लोग अपनी चाल चलते है अल्लाह अपनी तदबीर करता है यह सब जो होरहा है उसी की मर्ज़ी है १ तो ग़ैरों को इस्लाम की ओर माएल करना और दूसरे मुस्लिम को बेदार करना अल्लाह अपना काम अभी ट्रम्प से उसी तरीक़े से ले रहा है
'जय हिन्द' का नारा देने वाले और सुभाष चंद्र बोस का हर दम साथ देने वाले कर्नल निजामुद्दीन का हुआ निधन