नई दिल्ली। पीएम मोदी ने 24 दिसंबर को शिवाजी के भव्य स्मारक का शिलान्यास किया था। अरब सागर में बनने वाले 192 मीटर लंबे इस स्मारक की लागत क़रीब 3,600 करोड़ रुपये आंकी गई। पीएम मोदी ने उद्घाटन भाषण में शिवाजी और उनके वीर सैनिकों के बलिदान का गुणगान किया था, लेकिन इसमें पीएम ने शिवाजी के लिए बलिदान होने वाले मुस्लिम सैनिकों का जिक्र तक नहीं किया था। जिसे लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मिस्लिमीन (एआईएमआईएम) के मुखिया असुदुद्दीन ओवैसी ने उन पर कटाक्ष किया है।
असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई में शिवाजी मेमोरियल के भूमि पूजन के दौरान मुस्लिम सैनिकों के योगदान का जिक्र नहीं किया। मुंबई नगरपालिका के चुनाव प्रचार में जुटे ओवैसी ने रविवार को नागापाडा इलाके में आयोजित एक रैली में कहा, 'हम एक मेमोरियल को बनाने पर 3600 करोड़ से ज्यादा हो रहे खर्च का विरोध नहीं कर रहे। लेकिन जब पीएम शिवाजी की महानता के बारे में बात कर रहे थे, तो उन्होंने उन मुस्लिम सैनिकों का जिक्र क्यों नहीं किया जिन्होंने शिवाजी का साथ दिया था और उनके लिए अपनी जान दे दी।'
ओवैसी ने साथ ही कहा, 'शिवाजी को इसलिए इतना सम्मान मिलता है क्योंकि उन्होंने कभी किसी किसानी की एक इंच जमीन पर भी कब्जा नहीं किया। अगर शिवाजी आज जिंदा होते तो पता नहीं वह उन लोगों के साथ क्या करते जो उनके नाम पर पैसे बर्बाद कर रहे हैं।' ओवैसी ने नए साल की पूर्व संध्या पर पीएम मोदी के देश के नाम संबोधन की भी आलोचना की और कहा कि पीएम ने सस्ती लोकप्रियता के लिए पुरानी योजनाओं का ही सहारा लिया है।
ओवैसी के मुताबिक, 'प्रधानमंत्री ने कहा कि अब 6000 रुपये गर्भवती महिलाओं को दिए जाएंगे। लेकिन संसद ने 2013 में ही खाद्य सुरक्षा बिल पास कर दिया था। इस बिल के सेक्सन 4 (बी) में कहा गया है कि गर्भवती महिलाओं को 6000 रुपये मिलेंगे।' साथ ही ओवैसी ने कहा कि पीएम ने 2022 तक 20 मिलियन घर बनाने की बात कही थी लेकिन अब तक महज 6,176 घर ही बनाए जा सके हैं।