गाजे बाजे के साथ घोड़ी पर बैठ अपनी दुल्हन को लाने का सपना हर किसी का होता है। अगर दूल्हा बारात के साथ दुल्हन लेने पहुंचे और पंडाल ही न मिले तो हैरान होना लाजिमी है। रविवार को दशहरा मैदान में कुछ ऐसा ही हुआ। परिजनों और रिश्तेदारों के साथ कई दूल्हे दशहरा मैदान पहुंचे लेकिन मैदान में न तो शादी का पंडाल था और न ही दुल्हन कहीं दिखाई दे रही थी।
काफी देर इंतजार करने के बाद जब दूल्हों को ठगी का अहसास हुआ तो उनमें से 14 दूल्हे सिटी थाना पहुंचे। हालांकि रविवार को 31 युवकों की शादी होनी थी। ठगी का मामला मोदीनगर (मेरठ) का होने के कारण पुलिस ने शिकायत नहीं ली। सुभाष कॉलोनी निवासी संतोष ने बताया कि अक्तूबर महीने में उसकी मंटू नामक पड़ोसी के जरिए मोदीनगर निवासी बंसी गौतम से जान पहचान हुई।
बंसी गौतम ने उन्हें बताया कि उनकी एनजीओ उज्जवल सामाजिक संस्था दहेज विरोधी अभियान चलाती है। इसलिए वे बड़े स्तर पर सामूहिक विवाह कराते है ताकि न दहेज लिया जाए और न दिया जाए। योग्य वर के लिए योग्य वधू और योग्य वधू के लिए योग्य वर की तलाश भी संस्था ही करती है। संतोष के दो भाई विवाह योग्य हैं।
इसलिए उसने दोनों भाइयों के लिए संस्था में फार्म भर दिया। इसी तरह सुभाष कॉलोनी के अन्य युवक अखिलेश ने भी फार्म भरा। अखिलेश ने बताया कि वे संस्था के मोदीनगर स्थित कार्यालय गए थे। जहां उसका एक युवती से परिचय भी कराया गया। शादी के खर्चे के लिए बंसी ने उससे 40 हजार रुपये लिए थे और शादी के लिए रविवार का समय दिया था।
अन्य युवकों ने बताया कि विवाह कराने के नाम पर किसी से 70 हजार, किसी से 30 हजार, किसी से 40 हजार तो किसी से 50 हजार रुपए लिए हैं। संस्था के लोगों ने 31 युवकों के विवाह का कार्यक्रम रखा था। इनसे करीब 18 लाख रुपए की रकम जुटाए जाने का अनुमान है। फिलहाल बंसी का फोन बंद है और मोदीनगर स्थित कार्यालय पर भी ताला लगा हुआ है।