गुजरात में पहला हार्ट ट्रांसप्लांट सर्जरी होने के साथ दिल को छु लेने वाला संजोग बना. कहा जाता है दिल से दिल मिलने से इंसानियत पैदा होती है. यहां एक दिल ने दो मजहबों को जोड़ दिया. मुस्लिम लड़के ने हार्ट को हिंदूू युवक में ट्रांसप्लांट कर उसे नई जिंदगी दी गई.
गुजरात के अहमदाबाद मे सोमवार को पहली हार्ट ट्रांसप्लांट सर्जरी हुई. भावनगर के एक मुस्लिम युवक की मौत के बाद जामनगर के एक हिन्दु को नइ जिंदगी मिली.
भावनगर में सड़क र्दुघटना में जांन गंवा चुके युवक आसिफ के दिल को अहमदाबाद सीम्स हॉस्पिटल लाया गया. यहां जामनगर के किसान अर्जुनभाई के शरीर में आसिफ के दिल को ट्रांसप्लांंट किया गया.
हार्ट ट्रांसप्लांट में टूटी मजहब की दीवार, अर्जुन के शरीर में आसिफ का दिल
आसिफ ने दी अर्जुनभाई को नई जिंदगी
भावनगर के शिहोर तहसील के सणोसरा गांव के पास चोरवडला में रहने वाले आसिफ खेत से घर लौट रहे थे. तभी राजकोट हाइवे पर सड़क क्रॉस करते वक्त एक कार की टक्कर से घायल हो गए. आनन-फानन में आसिफ को भावनगर की सर टी हॉस्पिटल में लाया गया, जहां पर डॉकटरों ने उन्हें ब्रेनडेड घोषित कर दिया.
इसके बाद आसिफ के परिवार वालों ने आसिफ की किडनी और हार्ट दान करने का फैसला लिया. आसिफ का हार्ट जामनगर के किसान अर्जुनभाई के शरीर में लगाया गया और उनको नया जीवन मिला.
82 मिनट में हुआ हॉर्ट ट्रांसप्लांट
भावनगर से अहमदाबाद करीब 176 किलोमीटर दूरी पर है. आमतौर पर इतनी दूरी तय करने में तीन घंटे लग जाते हैं, लेकिन हॉर्ट ट्रांसप्लांट करने के लिए आसिफ का हार्ट भावनगर से अहमदाबाद लाने के लिए पुलिस, ट्रैफिक पुलिस की मदद से 82 मिनट मेें सीम्स हॉस्पिटल लाया गया.
सीम्स के डॉक्टर की टीम भावनगर गई थी. वहां आसिफ के शरीर से दिल निकालकर सुरक्षित अहमदाबाद आए और यहां पिछले 15 दिनों से भर्ती जामनगर के अर्जुनभाई के शरीर में ऑपरेशन कर आसिफ का दिल लगाया था, करीब दो घंटो से ज्यादा ये ऑपरेशन चला था.
राजुभाई से मिली प्ररेणा
भावनगर जिले मे कुछ संगठनोंं की ओर से दिल और शरीर के अहम अंंगों को दान देने को लेकर एक मुहीम चलाई गई थी, जिसे लेकर पिछले महीने महुवा के राजुभाई का दिल दान किया गया था, जो मुंबई में एक किसान को ट्रांसप्लांट किया गया था. इसी बात को लेकर आसिफ के परिवार को भी प्ररेणा मिली और उन्होंने दिल और किडनी दान करने का फैसला लिया.(प्रदेश18/ईटीवी)