फिजूलखर्ची को इस्लाम में शैतान की फितरत कहा गया है, पैगम्बर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहिस्सलाम) को चाहने वाले कभी फिजूलखर्ची नहीं कर सकते.
जो लोग फिजूलखर्ची करते है वह हजरत मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहिस्सलाम) को चाहने वाले नहीं हो सकते. आज कई जगह फिजूलखर्ची होती दिखाई दि है