जबलपुर। शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने कहा कि लोकतंत्र का सिर्फ एक व्यक्ति पर केन्द्रित होना घातक है। कायदे से देश को व्यक्तिपरक न बनाकर लोकतंत्र की रक्षा की जानी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि किसी भी एक व्यक्ति के मनमाने विचार देशहित के अनुरूप नहीं हो सकते। ऐसे में उसकी अंधभक्ति से विभिन्न मोर्चों पर देश की रक्षा संभव नहीं। वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नोटबंदी का कदम उठाए जाने के संदर्भ में बोल रहे थे।
सिविक सेंटर स्थित शंकराचार्य मठ श्रीबगलामुखी मंदिर परिसर में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उन्होंने एक के बाद एक केन्द्र की मौजूदा बीजेपी सरकार पर हमले बोले। इसी कड़ी में शंकराचार्य आरएसएस पर भी वार करने से नहीं चूके। उन्होंने दो-टूक लहजे में कहा कि डॉ.हेडगेवार ने हिन्दुत्व की रक्षा के लिए आरएसएस की स्थापना की थी लेकिन आजकल ऐसा कुछ नजर नहीं आ रहा।
ताला हमने खुलवाया था, राममंदिर भी हमल ही बनवाएंगे
शंकराचार्य ने कहा कि बीजेपी राममंदिर के नाम पर अब तक महज राजनीति करती चली आ रही है। वस्तुस्थिति यह है कि अयोध्या में राममंदिर कोई राजनीतिक पार्टी बनवा भी नहीं सकती। आरएसस भी इस मामले में कुछ नहीं कर सकती, क्योंकि वह धार्मिक नहीं सामाजिक संस्था है। इसलिए राम मंदिर हम बना सकते हैं और कोई नहीं। ऐसा इसलिए क्योंकि राममंदिर का ताला हमने ही खुलवाया था।
मोदी का मुंह ही भारत का कानून हो गया है
शंकराचार्य ने कटाक्ष करते हुए कहा कि देश की जनता को यह गंभीरता से सोचना होगा कि पीएम मोदी हमको आखिर कहां ले जा रहे हैं? ऐसा लगता है कि इन दिनों मोदी का मुंह ही कानून बन गया है। वह भी एक पल कुछ कहता है और अगले पल कुछ और। बार-बार निर्णय बदले जाते हैं।
धर्मशिक्षा अनिवार्य हो-
शंकराचार्य ने स्कूल-कॉलेज में धर्मशिक्षा अनिवार्य किए जाने पर बल दिया। गंगा-नर्मदा आदि नदियों में प्रदूषण पर चिंता जताई। उन्होंने गोहत्या को देश के लिए कलंक निरूपित किया। इस अवसर पर शंकराचार्य के निज सचिव स्वामी सुबुद्घानंद सहित अन्य मौजूद रहे।