तमिलनाडु की सीएम जयललिता का सोमवार अाधी रात को निधन हो गया । उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम-ईसीएमओ पर रखा गया था। 74 दिनों में उन्हें दूसरी बार दिल का दौरा पड़ा था। जयललिता की जान पर एक बार पहले भी खतरा मंडरा चुका था, जिसका कारण उनका कोई दुश्मन या बीमारी नहीं, उनकी बेहद नज़दीकी थी।
अब जयललिता की मौत पर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं। सूत्रों के अनुसार, एआईएडीएमके प्रमुख को धीमा जहर दिया जा रहा था। यह जहर उनकी देखरेख कर रही एक नर्स के जरिए दिया गया और यह साजिश रची थी उनकी सबसे करीबी शशिकला ने। शशिकला खुद मुख्यमंत्री बनना चाहती थीं।
शक होने पर जयललिता ने स्वतंत्र रूप से निजी चिकित्सीय सलाह भी ली थी। जांचों में उन्हें नशे की दवाएं और कैमिकल की छोटी मात्रा दिए जाने की पुष्टि भी हुई थी। रिपोर्ट के अनुसार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी ने जयललिता को इस साजिश के बारे चेताया था। इस साजिश के संकेत एक उद्यमी ने दिए थे। इस उद्यमी से एक प्रोजेक्ट के लिए ‘मन्नारगुड़ी माफिया’ ने 15 प्रतिशत कमिशन मांगा था, इसके चलते यह उद्यमी अपना प्रोजेक्ट गुजरात ले गया।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जयललिता चेन्नई मोनो रेल प्रोजेक्ट सिंगापुर की एक कंपनी को देना चाहती थीं। लेकिन फाइल में एक मलेशियन कंपनी का नाम सबसे ऊपर और सिंगापुर की उस कंपनी नाम सबसे नीचे थी। ऐसा करने के लिए जयललिता के जाली हस्ताक्षर किए गए। नाराज जललिता ने शशिकला से इस बारे में पूछताछ भी की थी।