नेशनल दस्तक में प्रकाशित खबर के अनुसार बिसाहड़ा। यूपी के बिसाहड़ा में ठीक एक साल पहले भीड़ ने गोमांस और गोहत्या के शक में पीट-पीटकर मोहम्मद अखलाक की हत्या कर दी थी और अखलाक के परिवार पर हमला कर दिया था। ठीक एक साल बाद बिसाहड़ा में फिर एक मौत हुई है। लेकिन इस बार मरने वाला किसी भीड़ का शिकार नहीं है बल्कि अखलाक की ही मौत के मामले में आरोपी था। जिसकी न्यायिक हिरासत में 4 अक्टूबर को मौत हो गई थी और मौत के बाद भी अभी तक उसका अंतिम संस्कार नहीं किया गया है। उसकी शव पर राजनीति शुरु हो गई है और उसे तिरंगे में लपेटकर गांव में रखा गया है।
शव के चारों ओर गांववालों का जमावड़ा है और उनकी मांग है कि रवि को शहीद का दर्जा दिया जाए। इस मांग के पीछे कितनी राजनीति है कितनी सच्चाई इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि तथाकथित हिंदू नेता लगातार बिसाहड़ा पहुंच रहे हैं और अपने भड़काऊ भाषण से माहौल को फिर से एक साल पहले जैसे सांप्रदायिक रंग में रंगना चाहते हैं।
राजनीति की बात छोड़ भी दी जाए तो क्या किसी ऐसे शख्स के शव को तिरंगे में लपेटना सही होगा जिसपर किसी की हत्या का आरोप लगा हो? तिरंगा देश के लिए मरने वाले लोगों की लाश पर रखा जाता है।
चिंताजनक बात ये है कि वही नेता जो राष्ट्रवाद और धर्म की बात करते हैं उन्हें ही ये सब दिखाई नहीं दे रहा है जो तिरंगे में लिपटे हुए शव पर अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं। सनद रहे कि कुछ महीनों बाद यूपी में विधानसभा चुनाव होने को हैं और अपने फायदे के लिए ऐसे विवादों को हवा देना कोई नई बात नहीं है।
Abdul H Khan
क्यों चाहिए एक करोड़?? कातिल था बाॅर्डर पर शहीद होके नही आया
कातिल के परिवार को क्या अकलाख की मौत पर भी दुख हुआ था?
Nehal Shams
तिरंगा भी शर्मिंदा है कि मैं क्यों आज तिरंगा हूँ-
#TricolourForDadriTerrorist
Salman Khan
उत्तर प्रदेश दादरी अखलाक के कातिल को तिरंगा मे लपेट कर उसके शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया और ये सब सपा सरकार के आँखों के सामने होता रहा इस आतंकवाद का जिस्म तिंरगा मे लपेटकर तिरंगा का हि नही शहीद सैनिकों और देश का अपमान किया गया है।
Tanweer Ahmed Shaikh
लपेटना है तो गोबर में लपेट ! वह आतंकवादी देश के लिए थोड़े ही मरा है ! वह अंधभक्त तो गोबर भक्ति में मरा है ! #देर_है_अँधेरे_नहीं
Zahid Taj
शहीदो का इससे बडा अपमान कया होगा की एक बेकसूर की हत्या मे शामिल आदमी के मरने पर उसे तिरंगे मे लिपटाया जाता है।
अभी वक्त है आओ मिलकर देश बचाले वरना ये अंग्रेजो की दलाली करने वालो के वैचारिक वंशज इसे बर्बाद कर देंगे।
Md Shafi Farouqui
अब हत्यारों और क़ातिलों को
तिरंगे में कफनाने का नया
Trend शुरू हुआ है।
देश बदल रहा है।
सोशल मीडिया पर विरोध
राष्ट्रीय सम्मान की रक्षा से संबंधित 1971 के क़ानून की धारा 1 के तहत राष्ट्रीय ध्वज के अपमान के लिए तीन साल की क़ैद और जुर्माने का प्रावधान है।- दिलीप मंडलAbdul H Khan
क्यों चाहिए एक करोड़?? कातिल था बाॅर्डर पर शहीद होके नही आया
कातिल के परिवार को क्या अकलाख की मौत पर भी दुख हुआ था?
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तिरंगा भी शर्मिंदा है कि मैं क्यों आज तिरंगा हूँ-
#TricolourForDadriTerrorist
Salman Khan
उत्तर प्रदेश दादरी अखलाक के कातिल को तिरंगा मे लपेट कर उसके शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया और ये सब सपा सरकार के आँखों के सामने होता रहा इस आतंकवाद का जिस्म तिंरगा मे लपेटकर तिरंगा का हि नही शहीद सैनिकों और देश का अपमान किया गया है।
Tanweer Ahmed Shaikh
लपेटना है तो गोबर में लपेट ! वह आतंकवादी देश के लिए थोड़े ही मरा है ! वह अंधभक्त तो गोबर भक्ति में मरा है ! #देर_है_अँधेरे_नहीं
Zahid Taj
शहीदो का इससे बडा अपमान कया होगा की एक बेकसूर की हत्या मे शामिल आदमी के मरने पर उसे तिरंगे मे लिपटाया जाता है।
अभी वक्त है आओ मिलकर देश बचाले वरना ये अंग्रेजो की दलाली करने वालो के वैचारिक वंशज इसे बर्बाद कर देंगे।
Md Shafi Farouqui
अब हत्यारों और क़ातिलों को
तिरंगे में कफनाने का नया
Trend शुरू हुआ है।
देश बदल रहा है।