झारखंड में कई महीनो से अपनी जमीं के लिए आन्दोलन कर रहे आंदोलनकारियो पर पुलिस द्वारा गोलिया चलाकर 6 लोगो का क़त्ल करने की खबर सोशल मीडिया पर धड़ल्ले से शेयर की जा रही है. और इस घटना का जोरो से निषेध व्यक्त कर सरकार पर शिकंजा कसा जा रहा है.
Ak Pnkaj लिखते है
इस मई महीने से ही चीरूडीह, बड़कागांव, हजारीबाग के ग्रामीण एनटीपीसी द्वारा खनन के लिए अधिगृहित की जा रही जमीन के खिलाफ धरने पर बैठे थे. आंदोलनकारियों ने इसे कफन सत्याग्रह कहा.
कल आधी रात में पुलिस-प्रशासन ने जमकर लाठी भांजा, आंसुगैस छोड़े और तब भी जब कफन सत्याग्रही नहीं हटे तो आज सुबह में जमकर गोलियां चलाईं.
इस गोलीकांड में 6 लोगों के मरने की सूचना है. प्रशासन की तरफ से दो की मौत की पुष्टि हुई है. माहौल बिल्कुल बिगड़ा हुआ है बड़कागांव में सारी दुकानें बंद हैं. मरे हुए शव को लेकर परिजनों एवं ग्रामीणों ने बड़कागांव का मुख्य चौक को जाम कर दिया है.
Drsiraj Khan लिखते है
#अपने_ भारतीय_ नागरिकों_ पर_ सर्जिकल_ स्ट्राइक -
#झारखण्ड मे अपनी #ज़मीन_ बचाने के लिये #सत्याग्रह करने वाले #ग्रामीणों_ पर_ पुलिस_ ने _ गोली _ चलाई _ है,
#7_किसानों की #मौत हो चुकी है,
9 किसान जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे हैं , मृतकों की संख्या 16 तक पहुंच सकती है, घटना के बाद 10 हज़ार ग्रामीण सत्याग्रह के लिये आ चुके हैं , पुलिस के ट्रक भी लगातार बढ़ते जा रहे हैं, ग्रामीणों ने कहा है सरकार हम सभी को मार डाले , लेकिन हम जमीन नही देंगे, जब तक एक भी ग्रामीण ज़िन्दा है, सत्याग्रह जारी रहेगा ,
भाजपा सरकार खूंखार हो चुकी है,
१ अक्टुबर २०१६ झारखंड :
हजारीबाग के बडकागांव में दो महिने से आंदोलन कर रहे आंदोलनकारीयोंपर पुलिस ने गोलीबारी की जिसमें अब तक १६ लोगों के मरने की खबर आ रही है और ये आंकडा और भी बढ सकता है।
अपने ही देश के लोगों से उनकी जमिन छीन लेना और अगर वे विरोध करें तो गोली मार देना ये कहा का न्याय है...??? पाकीस्तानपर किए फर्जी सर्जिकल स्ट्राईक का बडा Event Management कर मीडीया ने दिखाया, क्या इसे भी मीडीया लोगों को दिखाएगी...???
क्या वे पाकीस्तानी थे...???
क्या वे आतंकवादी थे...???
अपने हक-अधिकारों के लिए आंदोलन करना भी इन ब्राम्हणवादीयों को रास नहीं आता...
ऐसी ब्राम्हणी सरकार का और ब्राम्हणी मीडीया का हम धिक्कार करते है...