जहाँ एक तरफ कैराना से हिन्दुओं का पलायन का मुद्दा मीडिया में जोरशोर से छाया हुआ है वहीँ भारत की राजधानी दिल्ली तक में मुसलमान सुरक्षित नही है. ताज़ा मामले में एक मुस्लिम परिवार के साथ स्थानीय गुंडों ने घर में घुसकर मारपीट की. वहीँ पुलिस में अभी तक रिपोर्ट तक दर्ज नही हो पाई है.
आल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आइसा) के ऑफिसियल पेज पर इस खबर को विस्तार पूर्वक लिखा गया है जिसके अनुसार बुद्धवार की शाम स्थानीय गुंडों ने बिहार के कठिहार से आकर दिल्ली में रह रहे मुस्लिम मजदूर के परिवार से मारपीट की.
AISA तथा CPIML की टीम जिसमे मोहित, विजय, शिवम्, तथा कामरेड नरेन्द्र तथा कामरेड फरहान अहमद शामिल थे घटना के स्थान पर पहुंचे. रमज़ान के पवित्र महीने में सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने के उद्देश से इस घटना को अंजाम दिया गया.
परिवार के मुखिया तस्लीमुद्दीन जो चाय बेचते है उन्होंने बताया की शाम के लगभग 7:30 बजे जब वे लोग अपना रोज़ा इफ्तार कर रहे थे तब उनके दामाद, मुहम्मद रफिदुल हक के दरवाज़े गाली गलोच (धर्म सम्बंधित, जिसे यहाँ लिखना संभव नही है) करते हुए 3-4 लोग लगातार दरवाज़ा पीटने लगे लेकिन रफिदुल की पत्नी ने दरवाज़ा खोलने से मना कर दिया. जिसके बाद गुंडों ने 50-60 अन्य लोगो को और बुला लिया जो अपने हाथों में लोहे की रोड तथा डंडे लेकर आए घर में घुसकर परिवार पर हमला बोल दिया जिसमे मुहम्मद तस्लीमुद्दीन उनकी पत्नी असिया खातून बेटी शहनाज़ , बेटे अशफाक को चोटें आई.
पीड़ित परिवार ने पुलिस को FIR दर्ज करने के लिए बुलाया लेकिन समाचार लिखे जाने तक प्राथमिकी दर्ज नही हुई थी. पीड़ित परिवार ने बताया की ऐसा पहली बार नही है जब स्थानीय गुंडों ने किसी मुस्लिम परिवार के साथ मारपीट की हो इससे पहले भी ये लोग काफी मुस्लिमो पर हमला कर चुके है.
तस्लीमुद्दीन का परिवार दहशत में है उनकी समझ में नही आ रहा की अब कहाँ जाएँ (कोहराम से साभार)