01. मजलूम और बेगुनाह रोहित वेमुला का क़त्ल, कई आंदोलन हुए.
मजलूम और बेगुनाह अखलाख के लिए उफ्फ तक नहीं, क्यों ?
02. कई बहुजन महापुरुषों का इतिहास प्रकाशित करना सराहनीय कार्य
एक भी मुस्लिम महापुरुष का इतिहास प्रकाशित नहीं, क्यों ?
03. कई सालो में लाखो कार्यक्रम किये गए मंच को महापुरुषों और मजलूमों का नाम दिया गया सराहनीय है.
एक भी मुस्लिम महापुरुष या मुस्लिम मजलूम का नाम नहीं दिया गया क्यों ?
04. 52 हजार बेगुनाह मुसलमान सलाखों के पीछे है यह जोर जोर से चिल्लाया जाता है, सराहनीय
आज 52 हजार से आंकड़ा 82 हजार हुआ क्यों ?
05. हर बहुजन महापुरुष के बदनामी और अपमान को लेकर आंदोलन में मुसलमान सबसे आगे, सराहनीय
मुहम्मद पैगम्बर(स.) पर आपत्तिजनक टिपण्णी पर खामोशी, क्यों ?
06. अहमदनगर के भोतमांगे परिवार का कत्लेआम, जगह-जगह आंदोलन, सराहनीय
मुजफ्फरनगर, आसाम, दादरी, डीएसपी जियाउल हक़ इनपर खामोशी क्यों ?
07. फलिस्तीन का समर्थन, इजराईल के खिलाफ (सिर्फ दो चार जगह) आंदोलन, सराहनीय
म्यानमार पर खामोशी क्यों ?
08. उपरोक्त सभी कार्यो में मुसलमानों का साथ सहयोग, सराहनीय
क्यों का जवाब कौन देगा ? मुस्लिम कार्यकर्ता यह सवाल क्यों नहीं उठाते ?
-अहेमद कुरेशी-